दिल्ली में चार साल बाद योगोत्सव का आगाज

दिल्ली में चार साल बाद योगोत्सव का आगाज

सेहतराग टीम

दिल्‍ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में आज तीन दिवसीय “स्वयं को जानो योगोत्सव 2018” का आगाज हो गया। योगोत्सव का आयोजन विश्व प्रसिद्ध बिहार योग विद्यालय, मुंगेर और विश्व योगपीठ की ओर से किया गया है। दिल्ली में चार साल बाद हो रहे इस योगोत्सव में देश के प्रबुद्ध वैज्ञानिकों, मनोवैज्ञानिकों, योग चिकित्सकों, योग शोधकर्त्ताओं,संन्यासियों और योगियों के साथ ही समाज के विभिन्न तबकों के लोगों का संगम है। योगोत्सव के संयोजक स्वामी शिवराजानंद सरस्वती की उपस्थिति में दो घंटे के उद्घाटन सत्र के दौरान योग वैज्ञानिकों ने न केवल प्रचलित तरीकों से हटकर आसन, प्राणायाम और योग निद्रा का अभ्यास कराया गया, बल्कि इनके वैज्ञानिक पहलुओं पर भी प्रकाश डाला।

स्वामी शिवराजानंद सरस्वती ने कहा कि आज के समय में योग का व्यावसायीकरण कर दिया गया है, जिससे लोग योग विद्या के मूल उद्देश्यों को भूलते जा रहे हैं। आत्म-ज्ञान प्रदान कराने वाली इस महान विद्या को कमर दर्द, वजन घटाने आदि में सीमित कर दिया गया है। वैसे में सत्यानंद योग परंपरा वाला योगोत्सव शुद्ध और लीक से हटकर है। उन्होंने कहा कि यह भ्रांति नहीं रहनी चाहिए कि बिहार योग विद्यालय योग प्रशिक्षण केंद्र हैं। दरअसल परमहंस स्वामी सत्यानंद सरस्वती द्वारा स्थापित यह संस्थान योग संवर्द्धन केंद्र है, जहां योग के नए-नए आयामों पर शोध करके उन्हें समाज के सामने लाया जाता है।

उन्होंने कहा कि तीन दिनों के योगोत्सव के दौरान योग के अनेक अल्प-चर्चित, किन्तु अति व्यावहारिक पक्षों को जनता के सामने लाने की कोशिश की जा रही है। बिहार योग विद्यालय ने विश्व के अनेक शोध संस्थानों के साथ जुड़कर मानव स्वास्थ्य से जुड़े जटिल विषयों पर शोध किया। इनके नतीजों के आधार पर उपचारात्मक उपायों के चौंकाने वाले नतीजे आए हैं। अमेरिका के स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के साथ हुए एक अध्ययन में देखा गया कि परमहंस स्वामी सत्यानंद सरस्वती द्वारा प्रतिपादित योग निद्रा के नियमित अभ्यास से रक्तचाप की बीमारी का स्थायी हल हो जाता है। तेल अवीव (इजराइल) विश्वविद्यालय में किए गए एक प्रयोग से पता चला कि योग निद्रा के अभ्यास से हृदय रोगी में कोलेस्ट्रॉल सिरम का स्तर आश्चर्यजनक ढंग से घट गया।

स्वामी शिवराजानंद सरस्वती ने कहा कि स्वयं को जानो योगोत्सव भारत यात्रा 2018 की शुरूआत बेंगलुरू से हुई थी। इसके बाद मुंबई और भोपाल में योगोत्सव आयोजित किए गए।  नई दिल्ली में चौथा पड़ाव है। बिहार योग विद्यालय की स्थापना के 50 साल पूरे होने पर सन् 2013 में मुंगेर में आयोजित विश्व योग सम्मेलन के संदेशों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए भारत यात्रा की शुरूआत की गई हैं। उस विश्व योग सम्मेलन में 56 देशों के कोई दो हजार से ज्यादा योग विद्या के विद्वानों और अनुसंधानकर्त्ताओं भाग लिया था और अपने अनुभवों और अध्ययनों के आधार पर योग से संबंधित अनेक नए तथ्यों पर प्रकाश डाला था।

पंद्रह अप्रैल तक चलने वाले योगोत्सव का प्रातःकालीन सत्र 6.30 बजे से 8.30 बजे तक और सायंकालीन सत्र 6.30 बजे से 8.30 बजे तक होता। दोनों ही सत्रों में योग के परिप्रेक्ष्य में शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक शांति एवं आध्यात्मिक लाभ आदि विषयों पर व्याख्यान होता है। योगोत्सव गैर व्यावसायिक कार्यक्रम है और इसमें भाग लेने के लिए किसी तरह के रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं है। प्रवेश नि:शुल्क है। उल्लेखनीय है कि इसके पहले सितंबर 2014 में त्यागराज स्टेडियम में स्वयं को जानो योगोत्सव हुआ था।

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